1950 में सिमेमा को पुरुष प्रधान कहा जाता था. यूं तो आज भी इस इंडस्ट्री में ज्यादा कुछ बदला नहीं है, लेकिन गिनी चुनी महिला गीतकार दिख जाती हैं जिनके बोल दिल छू जाते हैं. इन दिनों अगर आप सोशल मीडिया पर हैं, तो आपने ब्लैक एंड व्हाइट के दौर के एक गाने को रील के रंगीन जमाने में जरूर सुना होगा और शायद आपने बहुत शौक में सज-धज के इसपर रील भी बनाई हो. लेकिन आज से पहले आपने इस चश्मे से इस गाने के बोल को इस तरह से शायद न देखा हो. चित्रगुप्त का गाना ‘तड़पाओगे तड़पालो तड़प तड़पकर…’इस गाने को यूं तो रोमांटिक गाने के तौर पर पेश किया जाता है, लेकिन जब आप आज की महिला के तौर पर इस गाने का वीडियो देखेंगी तो एक महिला अपने प्रेमी या पति का प्रेम या उसका आकर्षण पाने के लिए उसके पैरों में गिरती है, गिड़गिड़ाती है और अपने आत्मसम्मान को अपने ही पैरों तले रौंद डालते ही. वो उससे कहती है कि तुम मुझे कितना भी तड़पा लो मैं यहीं खड़ी हूं, तुम मुझे कितना भी बेइज्जत कर लो मैं यहीं खड़ी हूं और वो उसे मनाने की व्यर्थ कोशिश में लगी रहती है. इस गाने को इस एंगल से देखने के बाद शायद ही आप इसको दोबारा सुनना या इसपर रील बनाना चाहेंगी.
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