मेहमान के आते ही घर में ताला लगा गई बीवी, तब गीतकार को लिखना पड़ा गाना, 'अलबेला' के लोरी की कहानी

Flashback Talks: 'ओ बेटा जी ओ बाबूजी किस्मत की हवा कभी नरम...', 'मेरे पिया गए रंगून...' जैसे सदाबहार गानों को अनोखे अंदाज में पर्दे पर उतारने वाले भगवान दादा की फिल्म 'अलबेला' की कालजयी लोरी 'धीरे से आजा री अंखियन में' आपने सुनी होगी. गीतकार राजेंद्र कृष्ण और संगीतकार सी. रामचंद्र के धुनों से सजी इस गीत के निर्माण की बड़ी रोचक कथा है.

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