1960 के दशक में जब जावेद अख्तर (Javed Akhtar) पहली बार मुंबई आए थे, तब उनके लिए यहां गुजारा करना इतना भी आसान नहीं था. जावेद अख्तर ने खुद ही एक बार इस बारे में खुलासा किया था. उन्होंने इस बारे में बात करते हुए बताया था कि कैसे मुंबई (Mumbai) में शुरुआती दिनों में उन्हें घर ना होने के चलते पेड़ के नीचे सोना पड़ा था. जावेद अख्तर के 77वें जन्मदिन (Javed Akhtar Birthday) पर आपको उनके संघर्ष भरे दिनों और एक लेजेंड बनने के उनके सफर के बारे में बताते हैं-
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